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Bhola Yadav Darbhanga: दरभंगा वाले भोल यादव की गिरफ़्तारी क्यों हुई ? जिले के राजद नेता बहुत गुस्सा में हैं !

Bhola Yadav Darbhanga : बेनीपुर के राजद प्रखंड एवं नगर अध्यक्ष नीलांबर यादव व मोहम्मद गयासुद्दीन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक भोला यादव को सीबीआई के पूछताछ के लिए गिरफ्तारी की निंदा की है। नेता द्वय ने कहा कि राजद की लोकप्रियता को बढ़ते देखकर भाजपा ने सीबीआई को लगाया है। उससे राजद में टूट नहीं होने वाला है और न कोई फर्क पड़ेगा। गरीब जनता का ध्यान महंगाई से भटकाने के लिए सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल केंद्र सरकार की तोता से डरने वाली नहीं है। राजद महंगाई के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगा। इसके विरुद्ध जेल भरो अभियान चलेगा।

Bhola Yadav Darbhanga: पैतृक आवास कपछाही में हुई थी CBI की रेड

बता दें कि पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के करीबी आरजेडी नेता भोला यादव के दरभंगा स्थित दो ठिकानों पर बुधवार सुबह सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने छापेमारी की थी । टीम ने सुबह 6 से 09.30 बजे तक बहादुरपुर थाना क्षेत्र के गंज स्थित भोला यादव के मकान और उनके पैतृक आवास कपछाही में छापा मारा था। भोला यादव से सीबीआई दिल्ली में बीते चार दिनों से पूछताछ कर रही थी,बुधवार को उन्हें गिरफ्तार (Bhola Yadav Arrested) कर लिया था। जानकारी के अनुसार सीबीआई की यह कार्रवाई रेलवे भर्ती घोटाले में हुई है। जमीन के बदले नौकरी देने का यह मामला साल 2004-09 का है। उस समय लालू प्रसाद रेल मंत्री थे। उसी दौरान भोला यादव उनके ओएसडी थे।

कभी गणित के टीचर थे लालू परिवार के करीबी भोला यादव

दरभंगा जिले के कपछाही निवासी स्व. लखपति देवी व रामप्रकाश यादव के पुत्र भोला यादव ने शुरू में शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा। मगध विश्वविद्यालय से गणित में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और फतुहा के एक कालेज में अतिथि शिक्षक बन गए। राजधानी पटना में रहकर कई रसूखदार लोगों के यहां छात्रों को टियुशन भी देते थे। राजनीति के जानकार बताते हैं कि लालू के परिवार से जुडऩे के बाद उनका कद लगातार बढ़ता गया।

लालू के हनुमान भोला यदाव का राजनितिक सफ़र

इसी बीच वो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संपर्क में आए और तब से राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ते चले गए। उनका कद पहली बार तब बड़ा हो गया जब उन्हें 2000 में तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का आप्त सचिव बनाया गया। इसके बाद वो 2005 में तत्कालील रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के विशेष कार्य पदाधिकारी (ओएसडी) बने। 2009-2010 तक नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के आप्त सचिव रहे। 2014 में विधान परिषद गए। यहां 2015 तक रहे। 2015 के विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर विधानसभा से चुनाव जीतकर विधायक बने। पिछले चुनाव में भी इन्होंने हायाघाट विधानसभा से भाग्य आजमाया, लेकिन चुनाव हार गए।

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