स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि एम्स के निर्माण के साथ ही डीएमसीएच का अस्तित्व पूरी तरह बरकरार रहेगा। डीएमसीएच की 77 एकड़ जमीन पर कई नए भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
बुधवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज के स्थापना दिवस समारोह सह पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह का वर्चुअली उद्घाटन करने के बाद वे चिकित्सकों व छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इलाज के लिए मरीजों को सूबे से बाहर नहीं जाना पड़े, इसे सुनिश्चित करने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नि:शुल्क सेव उपलब्ध कराई जा रही है।
डीएमसीएच की 77 एकड़ जमीन पर कई नए भवनों का निर्माण किया जाएगा
उन्होंने कहा कि सभी अधीक्षकों को दवा की चेन बरकरार रखने का निर्देश दिया गया। इसे सुनिश्चित करने के लिए समय पर इंडेंट भेजने को कहा गया है। कोरोना काल में चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्य कर्मियों ने एकजुटता दिखाई, उसकी बदौलत हजारों लोगों की जान बचाई जा सकी। इसी एकजुटता की बदौलत राष्ट्रीय मानक के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने में सफलता मिलेगी। स्थापना दिवस पर लोगों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि डीएमसीएच का गौरवमयी इतिहास रहा है। हाल में यहां की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। उसी के अनुरूप मरीजों को बेहतर सेवा देकर संस्थान का मान बढ़ाते रहें।
इलाज के लिए मरीजों को सूबे से बाहर नहीं जाना पड़े,
बतौर विशिष्ट अतिथि यूनिसेफ की स्टेट हेड नफीसा शफीक ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज के छात्र पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहे हैं। मरीजों के इलाज में यहां के चिकित्सक महत्वपूर्ण योगदान करते रहे हैं। कोरोना काल में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डाल मरीजों का इलाज किया। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यूनिसेफ पीड़ित मानवता की सेवा में लगातार जुटा रहेगा।
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मरीजों के इलाज में यहां के चिकित्सक महत्वपूर्ण योगदान करते रहे हैं।
दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा ने कहा कि संस्थान के चिकित्सकों के सामने बड़ी चुनौती आने वाली है। एम्स का निर्माण होने के बाद हमे वहां की सुविधा से मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि हमारे चिकित्सक मरीजों को उत्कृष्ट सेवा देते रहेंगे। अगल-बगल एम्स और डीएमसीएच के रहने से मरीजों को काफी लाभ पहुंचेगा।
चिकित्सक मरीजों को उत्कृष्ट सेवा देते रहेंगे।
डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा ने कहा कि अस्पताल के लिए उपलब्ध 77 एकड़ जमीन पर कई भवनों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए मास्टर प्लान लगभग तैयार है। डीएमसीएच में इलाज के लिए नौ जिलों के अलावा नेपाल से भी मरीज आते हैं। लोग आश्वस्त रहें कि एम्स के निर्माण से डीएमसीएच की गरिमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। डीएमसीएच था, है और आगे भी रहेगा। कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के ई सोवेनियर का लोकार्पण किया गया।
एम्स के निर्माण से डीएमसीएच की गरिमा पर कोई असर नहीं पड़ेगा
इस मौके पर लना मिथिला और आर्यभट्ट ज्ञान विश्विद्यालय, पटना के पूर्व कुलपति डॉ. एसपी सिंह, डॉ. केएनपी सिन्हा, डॉ. मधुकर भट्ट आदि ने भी लोगों को संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति के सचिव डॉ. अशोक कुमार ने किया। मंच संचालन पूर्व अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुरेंद्र कुमार यादव ने किया।