Delhi Metro Phase 4: देश की राजधनी दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। केंद्र सरकार राजधानी के निवासियों को सौगात देने का ऐलान किया है। दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी में मेट्रो के दो नए कॉरिडोर बनाए जाएंगे। एक कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक का होगा और दूसरा इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक तक बनाया जाएगा।
Delhi Metro Phase 4 से पहले 2019 में तीन कॉरिडोर को मिली थी मंज़ूरी
दिल्ली मेट्रो अब दुनिया में सबसे बड़े मेट्रो नेटवर्क में से एक है। 2019 में, 3 कॉरिडोर अर्थात् एयरोसिटी – तुगलकाबाद, आर.के. आश्रम मार्ग – जनकपुरी पश्चिम और मजलिस पार्क – मौजपुर को लगभग 65 किमी की मार्ग लंबाई के साथ लगभग `24,950 करोड़ की लागत से मंजूरी दी गई है। इन हिस्सों पर निर्माण कार्य चल रहा है और इन्हें साल 2026 तक चालू कर दिया जाएगा।
Delhi Metro Phase 4 पर करीब 8400 करोड़ रुपये होंगे खर्च
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। कैबिनेट मीटिंग में किए गए फैसले के बारे में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक 8.4 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसमें 8 स्टेशन होंगे और यह पूरी एलिवेटेड लाइन होगी। दूसरी इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक यह करीब 12.4 किलोमीटर की मेट्रो लाइन होगी। यह मार्च 2029 तक पूरी हो जाएगी। जिस पर 8400 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बनाएगी Delhi Metro Phase 4
दोनों कॉरिडोर की कुल परियोजना लागत 8,399 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो केंद्र और दिल्ली सरकारों और अंतरराष्ट्रीय फंडिंग एजेंसियों से प्राप्त की जाएगी। इन दो लाइनों में 20.762 किमी शामिल होंगे। दोनों लाइनों पर 8399 करोड़ रूपये में से 1047 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 1987 करोड़ रुपये दिल्ली सरकार वहन करेगी। इन लाइनों के लिए 4309 करोड़ रुपये का लोन लिया जाएगा, 333 करोड़ रुपये दिल्ली मेट्रो रेल निगम खर्च करेगी और 195 करोड़ रुपये निजी सरकारी भागीदारी से जुटाये जाएंगे। ठाकुर ने कहा कि अभी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में मेट्रो का नेटवकर्क 427 किलोमीटर है जो इन लाइनों के बनने के बाद करीब 450 किलोमीटर हो जाएगा।
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Delhi Metro Phase 4 से नागरिकों को होगी सुविधा
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि 945 किलोमीटर का मेट्रो लाइन आज देश में है और 919 किलोमीटर की मेट्रो लाइंस आज देश में अंडर कंस्ट्रक्शन है, जिसपर तेजी से काम चल रहा है। दिल्ली के अंदर इन दो नए कॉरिडोर से ट्रैफिक कंजेशन और पॉल्यूशन में राहत मिलेगी और महंगे फ्यूल की भी बचत होगी। नागरिकों को यातायात में भी कम समय बिताना होगा और उनका ट्रैवल टाइम भी घटेगा। इससे लोगों का ईज ऑफ लीविंग बढ़ेगा।