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अप्राकृतिक जीवनशैली से बिगड़ रहा है स्वास्थ्य : प्रो. दिनेश्वर

दरभंगा, राजकीय रमेश्वरी भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान, मोहनपुर में गुरुवार को विश्व किडनी दिवस पर किडनी रोग के कारण, बचाव एवं निवारण के प्रति जागरूकता के लिए शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद, सांसद गोपाल जी ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, डीआईओ डॉ. एके मिश्रा, सीडीओ डॉ. सत्येंद्र कुमार मिश्रा व सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. उमाशंकर ने किया।

प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में अप्राकृतिक जीवनशैली के कारण किडनी से संबंधित रोगों में वृद्धि हुई है।

प्राचार्य प्रो. दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान समय में अप्राकृतिक जीवनशैली के कारण किडनी से संबंधित रोगों में वृद्धि हुई है। आयुर्वेद के माध्यम से यदि प्रारंभिक अवस्था में ही किडनी रोग के बारे में पता चल जाए तो किडनी फेल्योर जैसे असाध्य रोग से बचाया जा सकता है। सांसद गोपाल जी ठाकुर ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धांतों को अपनाकर किडनी रोगों से बचा जा सकता है।

डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि आयुर्वेद व एलोपैथ के संयुक्त प्रयास से किडनी रोग के इलाज में सफलता प्राप्त की जा सकती है।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि आयुर्वेद व एलोपैथ के संयुक्त प्रयास से किडनी रोग के इलाज में सफलता प्राप्त की जा सकती है। मंच संचालक डॉ. शंभू कुमार ने प्राकृतिक एवं सात्विक आहार-विहार को अपनाने की बात कही। कार्यक्रम के आयोजक डॉ. दिनेश कुमार ने कहा कि हमारा जीवन आयुर्वेद के जितना ही करीब होता है उतना ही हमारे शरीर के सारे अंग-प्रत्यंग लंबे समय तक सुचारू रूप से काम करते रहते हैं। वर्तमान जीवनशैली एवं अप्राकृतिक आहार-विहार के कारण ही किडनी रोग काफी बढ़ा हुआ है। डॉ. दिनेश सिंह ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की मंडूकासन व नियमित प्राणायाम के अभ्यास से किडनी रोग से बचा जा सकता है।इस अवसर पर जागरूकता रैली भी निकाली गई।

इसके अलावा आयुर्वेदिक औषधियां जैसे पुनर्नवा मूल, पाषाणभेद, वरुण, अपामार्ग, पीपल, नीम, मकोय, गोखरू, अमलतास, कुटकी आदि को मिलाकर काढ़ा बनाकर लोगों को मुफ्त पिलाया गया।

इसके अलावा आयुर्वेदिक औषधियां जैसे पुनर्नवा मूल, पाषाणभेद, वरुण, अपामार्ग, पीपल, नीम, मकोय, गोखरू, अमलतास, कुटकी आदि को मिलाकर काढ़ा बनाकर लोगों को मुफ्त पिलाया गया। इस अवसर पर डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. अमोद कुमार, डॉ. विनय कुमार शर्मा, डॉ. भानु प्रताप सिंह, डॉ. मनीष कुमार आदि उपस्थित थे।

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