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मिथिला को साहित्य और कला में भी प्रसिद्ध माना जाता हैं|

दरभंगा। बिहार दिवस पर मंगलवार को लहेरियासराय के नेहरू स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सदर अनुमंडल पदाधिकारी सदर स्पर्श गुप्ता एवं सहायक समाहर्ता अभिषेक पलासिया ने किया। सदर एसडीओ ने कहा कि बिहार के स्वर्णिम इतिहास को स्मरण करने एवं मनाने का आज दिन है।
बिहार के इतिहास का रामायण काल सहित सभी कालों का जब हम अवलोकन करते हैं तो हम पाते हैं कि बिहार ने सभी क्षेत्रों विश्व में अपना योगदान दिया है।

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चाहे वह लिच्छवी का प्रथम गणतंत्र का हो, चाहे वह नालंदा का प्रथम विश्वविद्यालय का हो, चाहे वह चाणक्य की राजनीति शास्त्र का हो चाहे आर्यभट्ट के ज्ञान का हो, चाहे बौद्ध और जैन धर्म का प्रादुर्भाव का हो। उन्होंने कहा कि मिथिला की भूमि विद्वानों के शास्त्रार्थ के लिए प्रसिद्ध रही है। साथ ही मिथिला अपने साहित्य और कला के लिए भी प्रसिद्ध रही है।

बिहार ने सभी क्षेत्रों विश्व में अपना योगदान दिया है।

कार्यक्रम में मोहित खंडेलवाल की टीम ने समूह भाव नृत्य प्रस्तुत किया तथा शारदा म्यूजिकल ग्रुप ने देशभक्ति और बिहार गौरव पर कई गीत प्रस्तुत किए। इसके पूर्व पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें आठवीं के छात्र अतुल कुमार शर्मा प्रथम स्थान पर, बीबी गर्ल्स मिडिल स्कूल के आठवें वर्ग की छात्रा अदिति कुमारी द्वितीय स्थान पर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कबीरचक के सातवें वर्ग की छात्रा जूली कुमारी तीसरे स्थान पर रही। पंखुड़ी आनंद एवं राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की तन्वी कुमारी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। पेंटिंग प्रतियोगिता के निर्णायक की भूमिका में मिथिला पेंटिंग के चित्रकार एवं प्रोफेसर उमेश उत्पल तथा उप निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता थे

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