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Darbhanga-Samastipur Rail Section: 15 अगस्त से दरभंगा के लोगों का सफर होगा आसान !

Darbhanga Samastipur Train: दरभंगा-समस्तीपुर 38 किलोमीटर रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन डेड लाइन खत्म होने के बाद भी कार्य पूरा नहीं हो सका है। बताते चले कि वर्ष 2015 में 519 करोड़ की लागत से इस रेलखंड (Darbhanga-Samastipur Rail Section) का दोहरीकरण की शुरुआत हुई थी। इस कार्य को 3 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन 7 सालों में 38 किलोमीटर की इस योजना पर रेलवे 20 किलोमीटर का ही सफर तय कर पाया है। रेलवे ट्रैक एवं पुल के लिए 491 करोड़ एवं 28 करोड़ रुपए इलेक्ट्रिक वायरिंग के लिए आवंटित हुआ था।

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Darbhanga-Samastipur Rail Section पर 15 अगस्त से शुरू होगा परिचालन

बता दें कि कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए योजना को तीन चरणों में बांटा गया था। रेलवे के निर्माण विभाग की ओर से इस खंड पर पहले चरण में समस्तीपुर-किशनपुर 10.50 किलोमीटर एवं दूसरे चरण में दरभंगा-थलवाड़ा 9.50 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य पूरा हुआ है। अभी तीसरे चरण में किशनपुर-थलवारा के बीच 18 किलोमीटर में लाइन बिछाने का कार्य पूरा हो चुका है किन्तु इंजीनियरिंग विभाग की ओर से ट्रायल पूरा नहीं हो पाया है जिस पर अभी काम चल रहा है। इस दोनों स्टेशन के बीच 31 जुलाई तक कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब 15 अगस्त से परिचालन शुरू करने का दावा किया जा रहा है।

40 किमी की दूरी तय करने में लागत है डेढ़ घंटे का समय

अभी समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर अभी सिंगल लाइन है। इस खंड से रोजाना 30 जोड़ी से अधिक ट्रेनों का परिचालन कोरोना से पूर्व हो रहा था। अभी फलस्वरूप 40 किमी की दूरी तय करने में एक्सप्रेस ट्रेनों को एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है। वहीं पैसेंजर ट्रेनों को ढाई से तीन घंटे का समय लगता है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ी हुई है। ट्रेनें लेट होती है। इस खंड से स्वतंत्रता सेनानी, बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, जननायक एक्सप्रेस, गरीब रथ, दरभंगा पुणे एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस आदि महत्वपूर्ण ट्रेनें चलती है।

कारोबार होगा आसान

ज्ञात हो कि दरभंगा स्टेशन से मखाना का बड़ा कारोबार होता है। यहां से मखाना उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मद्रास, बंगाल, ओडिशा आदि शहरों के लिए बुक कर भेजा जाता है। लेकिन सिंगल लाइन के कारण माल सही समय पर गंतव्य स्थानों पर नहीं पहुंच पाता है। दोहरीलाइन होने से मखाना बुक स्थान पर सही समय पर पहुंच पाएगी। इससे कारोबार करना  होगा।

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