दरभंगा यूँ हीं नहीं सांस्कृतिक राजधानी कही जाती रही है। यहाँ शुरुआत से ही कला को लेकर जो प्रेम और जुनून है वो इसे यह स्वरूप प्रदान करती है। दरभंगा कुछ इसकदर सांस्कृतिक रंग में डूबा है कि एक तरफ महाकवि विद्यापति के निर्वाण दिवस पर तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व की शुरुआत कल विद्यापति चौक स्थित कवि कोकिल के प्रतिमा को माल्यर्पण कर शुभारंभ किया गया। वहीं दूसरी ओर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के सीनेट हॉल में ज्ञानोत्सव 2022 का शुभारंभ हुआ।
विद्यापति समारोह की जगमगाती रौशनी से नहाया नागेंद्र झा स्टेडियम
विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डाॅ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू की अगुवाई में एलएनएमयू के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह, केएसडीएसयू के कुलपति प्रो शशिनाथ झा, पूर्व विधान पार्षद प्रो. दिलीप कुमार चौधरी, मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा, संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डा बुचरू पासवान, यूएसए के कौन्सिलेट शरद कुमार झा, माला झा, आरती झा, रामनारायण झा आदि माल्यार्पण करने के बाद निकाली गई भव्य शोभायात्रा में शामिल हुए।शहर के लक्ष्मीश्वर पब्लिक लाइब्रेरी से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, विभिन्न मोहल्लों एवं चौक-चौराहों से होते हुए यह शोभायात्रा विद्यापति चौक पर पहुंची और माल्यार्पण कर आगे बढ़ी।शोभा यात्रा में नटराज डांस एकेडमी के कलाकारों द्वारा विभिन्न चौराहों पर भव्य झांकी प्रदर्शित की गई। जिसमें विद्यापति, श्यामा माई एवं देवाधिदेव महादेव की झांकी के साथ साथ मिथिला के लोक नृत्य झिझिया एवं सामा चकेवा, छठ आदि पर आधारित भावपूर्ण नृत्य प्रस्तुत किया गया। मौके पर मंत्री मदन सहनी, नगर विधायक संजय सरावगी, केएसडीएसयू के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा व विधायक मिश्रीलाल यादव, कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा,जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार,पीएचईडी मंत्री ललित यादव और पूर्व कला एवं संस्कृति मंत्री आलोक रंजन झा मौजूद थे।सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला में कल मिथिलांचल के उभरते संगीतकारों को मंच दिया गया। वही स्थापित संस्थाओं- सृष्टि फाउंडेशन और नटराज डांस अकादमी द्वारा शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति हुई और अंत में नीलकमल नामक नाटक का मंचन डॉ. श्याम भास्कर के निर्देशन में किया गया।
कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय सीनेट हॉल में ज्ञानोत्सव में लगी शोधकर्ताओं और विद्वानों की भीड़
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के सीनेट हॉल में ज्ञानोत्सव 2022 का शुभारंभ हुआ। प्रसिद्ध नाभकीय वैज्ञानिक एवं लेखक डॉ योगेंद्र पाठक वियोगी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।ज्ञानोत्सव बिहार से संबंधित विभिन्न विषयों पर शोध करने वाले विद्वानों को एक मंच पर लाने का प्रयास है। सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ अनिल सेठी ने कहा कि साहित्य, कला और राजनीति में बिहार का योगदान जगजाहिर है, अब समय आ गया है कि उद्यम की दुनिया में बिहार अपने को स्थापित करे।