दरभंगा: क्षेत्र के लवानी धाम स्थित उग्रनाथ राम जानकी मंदिर प्रांगण में गत चार दिनों से आयोजित काली महोत्सव का शनिवार की देर रात समापन हो गया। समापन समारोह को संबोधित करते हुये मिथिला शोध संस्थान के निदेशक देवनारायण यादव ने कहा कि इस तरह के महोत्सव का आयोजन किये जाने से लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान हासिल करने का अवसर प्राप्त हो
समारोह में अपना विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध भागवत मर्मज्ञ डा. विध्नेशचंद्र झा
उन्होंने कहा कि मां काली की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से मनुष्य के सभी तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं। समापन समारोह में अपना विचार व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध भागवत मर्मज्ञ डा. विध्नेशचंद्र झा ने कहा कि मां काली के अनेक रूप है। संपूर्ण मिथिला हमेशा काली की भूमि से जानी जाती रही है। वही बंगाल चंडी की भूमि से प्रख्यात है। समारोह में होली मेरी इंटरनेशनल स्कूल
के संस्थापक शिव किशोर राय, मिथिला लोक संस्कृत मंच के सचिव प्रो. उदय शंकर मिश्रा, समाज सेवी राधवेन्द्र चौधरी, प्रो. जयशंकर झा ने भी काली महोत्सव का समापन के अवसर पर लवानी गॉव की विशेषता पर विशेष रूप से प्रकाश डाला।
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महोत्सव के समापन के अवसर पर जयप्रकाश पाठक ग्रुप के द्वारा ओडीसी नृत्य प्रस्तुत किया गया। ओडीसी नृत्य को देखकर दर्शक झूमते रहे। वहीं बालक मुकेश कुमार द्वारा किये गये वेदध्वनि से पूरा लवानी धाम आज गूंजता रहा। महोत्सव में डा. कृष्णचंद्र झा मयंत, अंचलाधिकारी पंकज कुमार झा सहित क्षेत्र के सैकड़ो गणमान्य लोगों ने भाग लेकर अपना अपना विचार व्यक्त किया।