भारत का Chandrayaan-3 40 दिनों की लंबी यात्रा करने के बाद चंद्रमा की सतह पर इतिहास रचने के लिए पूरी तरह से तैयार है। चंद्रयान-3 की लंबी यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव में पंहुच चुकी है। इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है इसकी लैंडिंग, जो काफी नाज़ुक और जटिल प्रक्रिया होती है। इस दौरान अंतिम 17 मिनट बेहद अहम होने वाले हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों द्वारा 17 मिनट्स ऑफ टेरर का नाम दिया जा रहा है।

यह है Chandrayaan-3 का लैंडिंग टाइम

यदि सबकुछ ठीक रहा तो बुधवार शाम के 6 बजकर 4 मिनट पर भारत का चंद्रयान चांद की सतह पर लैंड करना प्रारम्भ कर देगा। यह वो समय है जब भारत का मून मिशन अंतिम 17 मिनट में प्रवेश कर जायेगा। ISRO इन 17 मिनट को 17 मिनिट्स ऑफ टेरर का नाम दे रहा है।

अंतरिक्ष में 40 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रहा Chandrayaan-3 कछुए से भी धीमी गति से लैंडिंग करेगा। लैंडिंग के दौरान इसकी गति 1 से 2 मीटर प्रति सेकेंड की होगी, जिससे क्रैश की संभावना न रहे। लैंडर द्वारा विक्रम चांद की सतह पर कदम रखे जायेंगे। लाइव ट्रैकर की सहायता से लैंडिग से पहले आप चंद्रयान-3 की लोकेशन देख सकते हैं।

क्या होगा चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद?

सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर से रैंप की सहायता से एक 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर बाहर आकर कमांड मिलने पर चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा। सुनने में यह जितना सरल लग रहा है उतना है नहीं, क्योंकि लैंडिंग की प्रक्रिया के दौरान आखिरी 17 मिनट मुश्किल और चुनौती भरे होने वाले हैं। क्योंकि इस दौरान लैंडर पर ISRO का कोई नियंत्रण नहीं होगा।

Chandrayaan-3 के कामयाब होने के बाद भारत चंद्रमा के साउथ पोल पर कदम रखने वाला पहला देश बन जाएगा। इसके बाद पूरी दुनिया चंद्रयान-3 की सहायता से आगे रिसर्च करेगी।

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