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Mithila Makhana: मखाना उत्पादन और निर्यात को लेकर हुई बैठक, इंफ्रास्ट्रक्चर गुणवत्ता बढ़ाने का निर्देश

Mithila Makhana: जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को मखाना उत्पादन से जुड़े विशेषज्ञ और मखाना उत्पादन से जुड़े किसानों के साथ समीक्षा बैठक की गई। जिसमें एक्सपोर्ट को करने की दिशा में आगे बढ़ने की क्रम में विचार किया गया। जिला कृषि पदाधिकारी संजय कुमार सिंह ने एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए सभी को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर गुणवत्ता को बढ़ने के लिए कहा।

दुनिया भर के 90 देशों में होता है Mithila Makhana की  सप्लाई

उत्तर बिहार के मिथिला में पैदा होने वाला मखाना जो दुनिया भर के 90 देशों में सप्लाई होता है। अब इस मखाने को सरकार की ओर से जीआई टैग मिल गया है। जिसके बाद किसानों को फायदा होने की उम्मीद है। जीआई टैग मुख्य रूप से ऐसे उत्पाद को दिया जाता है, जो एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पैदा होता है। इस टैग के मिलने से उस उत्पाद को एक कानूनी सुरक्षा मिल जाती है। इससे निर्यात में बढ़ावा मिलता है।

मखाना उत्पादक मुख्य 09 जिलों में होता है

उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग द्वारा मखाना के विकास के लिए विशेष योजना क्रियान्वित किया जा रहा हैं। इस योजना के अंतर्गत मखाना उत्पादक मुख्य 09 जिलों जैसे मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, कटिहार एवं पूर्णिया के अतिरिक्त इस वर्ष दो नए जिलों सीतामढ़ी एवं पश्चिमी चम्पारण को मखाना विकास योजना में शामिल किया गया है।

शादी और पूजा में जमकर होता है प्रयोग

बता दें कि मिथिला में मखाने को एक शुभ संकेत के तौर पर माना जाता है। शादी और पूजा में इसका जमकर प्रयोग होता है। प्रसाद के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता। बिहार के अलावा देश-दुनिया में लोग इसे एक हेल्दी नाश्ते के तौर पर भी लेते हैं।

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वहीं, इस बैठक मे परियोजना निदेशक पूर्णेन्दु नाथ झा, सहायक निदेशक उद्यान आभा कुमारी, उप परियोजना निदेशक अम्बा कुमारी, सहायक निदेशक इंजीनियर शंभु कुमार और किसान धीरेंद्र कुमार, महेश मुखिया, के के ठाकुर, राजेश सहनी, संतोष कुमार, अर्चना कुमारी एवं सुमात्रा फूड के श्रावण कुमार ने अपने विचार व्यक्त किए।

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