मिथिला विभूति पर्व समाराेह: विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में नवंबर की 6, 7 एवं 8 तारीख को आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह की तैयारियों की समीक्षा के लिए सोमवार देर शाम एमएलएसएम कॉलेज के सभागार में बैठक संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डा बुचरू पासवान की अध्यक्षता में हुई।

मैथिली साहित्यक इतिहास का होगा पुर्नप्रकाशन

संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने बताया कि इस वर्ष होने वाली अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय सर्वसम्मति से पृथक मिथिला राज्य केर गठनक औचित्य निर्धारित किया गया। जबकि इस अवसर पर डा दुर्गानाथ झा श्रीश की लिखी पुस्तक मैथिली साहित्यक इतिहास के पुर्नप्रकाशन के साथ ही रमानंद रेणु की अप्रकाशित धरोहर पांडुलिपि के प्रकाशन का निर्णय लिया गया।

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मिथिला विभूति पर्व समाराेह से युवाओं को सीधे जोड़ने की तैयारी

सांस्कृतिक एवं सलाहकार समिति के अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने इस ऐतिहासिक आयोजन में नई पीढ़ी के कलाकारों एवं कवियों को अधिक अवसर प्रदान किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। विनोद कुमार झा ने शोभायात्रा की चल रही तैयारी के बारे में अवगत कराया। आशीष चौधरी ने कार्यक्रम से युवाओं को सीधे जोड़ने के लिए उनके संयोजन में चल रही तैयारियों की बाबत जानकारी दी।

बैठक में डाॅ अशोक कुमार मेहता, डाॅ अनिल कुमार झा, मणिकांत झा, विनोद कुमार, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, चौधरी वैद्यनाथ राय, बासुकी नाथ झा, चंद्र मोहन झा, रजनीश सुंदरम, पुरुषोत्तम वत्स, डाॅ महानंद ठाकुर, दुर्गानंद झा, नवल किशोर झा, डा राम सुदिष्ट चौधरी, जितेंद्र कुमार झा, आयुष आनंद आदि ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार रखे।

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