Peon’s son became CA: अगर किसी को लगता है भगवान उनके साथ अन्याय किया है। उनके जीवन को संगर्ष से भर दिया है। तो उसको मुजफ्फरपुर जिले के सदपुरा में पैदा हुए वकार आजम की सफलता की प्रेरक कहानी जरुर पढ़नी चाहिए। आजम के चार्टर्ड अकाउंटेंट की फाइनल एग्जाम से एक सप्ताह पहले ही उनके मां का निधन हो गया था। घर में मां का निधन हो और बेटा फाइन परीक्षा देने के लिए घर से दूर जा रहा था। वकार ने बचपन में शायद ही सोचा होगा कि वो आगे चलकर चार्टेड अकाउंटेंट बनेंगे।
Peon’s son became CA: पिता चपरासी का काम करते थे
बेहद गरीब परिवार से आने वाले वकार आजम ने अपने जीवन में बहुत संघर्ष देखा। लेकिन जब किसी के मन में जीवन में कुछ बड़ा करने का उत्साह होता है, तो उस व्यक्ति को अपनी मेहनत, संघर्ष, और समर्पण के साथ हर मुश्किल को पार करने की शक्ति मिलती है। इस जज्बे के साथ, व्यक्ति अपनी मंजिल की दिशा में कदम बढ़ाता है और असंभव को भी संभव बना लेता है। मुजफ्फरपुर जिले के सदपुरा मोहल्ले के रहने वाले वकार आजम का परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही बेहद खराब थी। बचपन में इनके पिता के पास नौकरी तक नहीं थी। हालांकि बाद में उन्हें बिहार विश्वविद्यालय में फोर्थ ग्रेड कर्मचारी की नौकरी मिली। वहीं मां घरेलू महिला थीं।
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प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में हुई थी
वकार आजम की प्रारंभिक पढ़ाई मुजफ्फरपुर में ही हुई। तंगहाली में बचपन गुजरने के बाद भी वकार आजम का मन पढ़ाई से नहीं भटका। वकार आजम ने 10वीं में 67 प्रतिशत अंक प्राप्त करके अपने स्कूल में टॉप किया था। उन्होंने 12वीं किया जहां 75 प्रतिशत अंक आए थे। मुजफ्फरपुर में वो एक झुग्गी बस्ती में रहते थे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने या उनके परिवार ने कभी पढ़ाई बंद करने के बारे में नहीं सोचा।
कॉलेज की फी भरने के लिए ट्यूशन पढ़ाते थे वाकर
वकार आजम ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि उनके पास कॉलेज की फी भरने के भी पैसे नहीं थे, इसलिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया। ट्यूशन से मिलने वाले पैसो के द्वारा उन्होंने अपने कॉलेज की फी भरी। वकार आजम कभी अपने जीवन में आई कठिनाइयों से घबराए नहीं बल्कि हर मुश्किल का हल निकाल कर आगे बढ़ते रहे। वकार आजम में हमेशा से आगे बढ़ने की चाह रही, यही कारण था कि वे जीवन के संघर्षों को दरकिनार कर आगे बढ़ते रहे।
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का मार्गदर्शन भी करते हैं वाकर आजम
Peon’s son became CA: वकार का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में सही मार्गदर्शन की कमी को महसूस किया है। 12वीं कक्षा तक उन्हें सीए के बारे में कुछ भी नहीं पता था। कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें इन सब मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसलिए वह कमजोर आर्थिक हालत वाले बच्चों का मार्गदर्शन करते हैं, ताकि जिस परिस्थिति का सामना उन्हें करना पड़ा वह किसी और युवा को ना करना पड़े।