भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) द्वारा 4 सितंबर को एक बड़ा कदम उठाते हुए बैंकों से प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स यानि पर यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ट्राजैक्शन की अनुमति दे दी है। RBI द्वारा इस बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि इस सुविधा के अंतर्गत अब ग्राहकों की पूर्व सहमति से शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक द्वारा लोगों को जारी किये गए प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स के माध्यम से पेमेंट, यूपीआई सिस्टम के इस्तेमाल से किया जा सकता है।
आपको बता दें 6 अप्रैल को Reserve Bank द्वारा अपनी मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के दौरान प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन्स के ट्रांसफर के ज़रिये पेमेंट की अनुमति देने का प्रस्ताव रखा गया था। इसके पीछे का उद्देश्य UPI के दायरे को बढ़ाना था। Reserve Bank द्वारा आगे कहा गया कि बैंक अपने बोर्ड द्वारा अप्रूव्ड पॉलिसी के आधार पर इन क्रेडिट लाइन्स के इस्तेमाल के टर्म्स एंड कंडीशंस तय कर सकते हैं, जिनमें क्रेडिट लिमिट, क्रेडिट की अवधि, ब्याज दर आदि चीज़ें शामिल हो सकती हैं।
अगस्त में UPI से 10 बिलियन ट्रांजैक्शन
1 सितंबर को सामने आये नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के आंकड़ों से पता चलता है कि यूपीआई (UPI) ने अगस्त माह में पहली बार एक महीने में 10 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार किया है। आपको बता दें 30 अगस्त तक यूपीआई ने पूरे महीने में 10.24 बिलियन ट्रांजैक्शन पूरे किये हैं। लेनदेन की कुल वैल्यू 15.18 लाख करोड़ रुपये है।
आपको बता दें अगस्त महीने के दौरान UPI से हर रोज़ लगभग 330 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए हैं। इस रेट के अनुसार यूपीआई को अगस्त में करीब 10.5 बिलियन ट्रांजैक्शन तक पहुंच जाना चाहिए, जो हर महीने 5 फीसदी की बढ़ोतरी है।