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शोषित समाज दल के 50वां स्थापना दिवस पर बाबू जगदेव प्रसाद के शाहदत को किया गया याद !

पटना, 7 अगस्त। शोषित समाज दल ने अपना 50वां स्थापना दिवस समारोह राजधानी पटना के पंचायत परिषद भवन, पटना धूमधाम से मनाया। समारोह की अध्यक्षता बिहार प्रदेश अध्यक्ष मा० उमेश पटेल ने किया और संचालन राज्यमंत्री रामविलास प्रसाद ने किया, जबकि उद्घाटन दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा० रामचन्द्र कटियार तथा समापन महामंत्री प्रो० उमाकान्त राही ने किया।

कार्यक्रम में काफी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं एवं आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए पटना जिलाध्यक्ष मा० अखिलेश कुमार ने कहा कि देश को मूल्यविहीन व सिद्धांतविहीन राजनीति से बचाने के लिए शोषित क्रांति के अगुआ अमर शहीद जगदेव प्रसाद एवं मानवादी चिंतक महामना रामस्वरूप वर्मा ने 07 अगस्त 1972 को शोषित समाज दल की स्थापना की थी। दल आज भी अपने सिद्धांतों पर संघर्षरत है।

उद्घाटन भाषण करते हुए मा० रामचन्द्र कटियार ने कहा कि आज पूरा देश समस्याओं से घिरा हुआ है। सरकार का काम आम जन को समस्याओं से मुक्त करना होता है। इसके उलटा देश का हर तबका मजदूर, किसान, छात्र-युवा, महिला, छोटा व मध्यम व्यापारी वर्ग सबके सब तंग तबाह हो रहा है। सरकार नाम की कोई चीज नहीं रह गई है और विपक्ष अपनी भूमिका का निर्वहन करने में पूरी तरह से अक्षम है। एकमात्र शोषित समाज दल के पास ही सारी समस्याओं का वैज्ञानिक निदान है।

मुख्य अतिथि भारतीय मोमिन फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० महबूब आलम अंसारी ने देश के वर्तमान हालात पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिखर से प्रतिदिन झूठ बोला जा रहा है। देश को सांप्रदायिक रंग में रंगकर इसके लोगों के बीच में नफरत की दीवार खड़ी की जा रही है। सच बोलने वालों और जनविरोधी नीतियों का प्रतिरोध करनेवालों पर झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें जेल में डाला जा रहा है। ऐसे में शोषित समाज दल का कार्यभार बढ़ गया है। बतौर मुख्य अतिथि शोसद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा० राजबल्लभ सिंह ने कहा कि हमारे दल का मूल सिद्धांत है शोषितों का राज शोषितों के लिए शोषितों के द्वारा। इसी में बहुजनों का हित निहित है और इसके लिए हमें संघर्ष के रास्ते को अपनाना होगा।

समापन भाषण करते हुए शोसद के महामंत्री प्रो० उमाकांत राही ने कहा कि आजादी के बाद से ही देश शासक वर्गों की गलत नीतियों का दुष्परिणाम झेल रहा है। चूँकि सभी दल ब्रह्मणवादी सामंतवादी प्रकृति के रहे हैं। ऐसे में वे जो भी नीतियाँ बनाते रहे हैं सिर्फ 10% के हित को ध्यान में रखकर बनाते रहे हैं। 90% शोषितों के हक अधिकार की लड़ाई के लिए जगदेव प्रसाद ने अपनी शहादत दी। अब हम सबों का यह कर्तव्य बनता है कि उनकी शहादत को बेकार नहीं जाने दें और उनके सपनों के भारत नर्माण में अपनी पूरी शक्ति लगा दें।

समारोह को संबोधित करने वालों में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामप्रवेश यादव, राष्ट्रीय मंत्री बृजनन्दन, सिंह, केदारनाथ भास्कर, राष्ट्रीय समिति सदस्य-अखिलेश्वर प्र० सिंह, प्रो० वैद्यनाथ पाल, राम दुलार मौर्य, डॉ० सेवाराम पटेल, विश्वनाथ साह, मथुरा प्र० अकेला, गुपुत सिंह, लौटन प्रसाद, राकेश कुमार (युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष), राज्य उपाध्यक्ष रामभजन मानव, चन्दन कपूर, संयुक्त मंत्री – टेंगर पासवान, धर्मेन्द्र कुमार, कोषाध्यक्ष-वशिष्ठ सिंह, राज्य समिति सदस्य कृष्णा प्रसाद दिवाकर, कमलेश्वर सहनी, मुकेश प्रसाद अर्जक, इन्द्रदेव वर्मा, अमेरिका महतो, विनोद कुमार अर्जक, देवेन्द्र सिंह, हरिनन्दन सिंह, निर्भय कुमार, अर्जक संघ के राज्य अध्यक्ष-अरुण कुमार गुप्ता, अर्जक संघ के वरिष्ठ साथी-शिवनन्दन प्रभाकर

राजेन्द्र प्रसाद अधिवक्ता, राम प्रसाद सिंह, शोषित समाज दल के ई० रामानुज सिंह गौतम, वरिष्ठ पत्रकार-संजय श्याम, शोषित समाज दल गया प्रमण्डल के संयोजक- केदार प्रसाद वर्मा, अमर शहीद जगदेव प्रसाद जागरण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० संत कुमार सिंह, रामनारायण सिंह, जगदीश प्रसाद यादव (पूर्व मुखिया), जनेश्वर प्रसाद, राजगृही भगत, टी० एस० राही, बलिराम मौर्य, कमलेश मौर्य, आद्याशरण चौधरी (पूर्व जज), डॉ० सुधीर कुमार, अनिल कुमार शर्मा, आनन्द राज आनन्द, अमरजीत कुशवाहा, पूनम कुमारी, पवन मौर्य, भोला प्रसाद, सूरजभान, रामबलि सिंह, ओमप्रकाश पूर्वे, मो० अकरम, फुलेना पासवान, सुरेन्द्र पोद्दार आदि ने अमर शहीद जगदेव प्रसाद और महामना रामस्वरूप वर्मा के कृतित्व और व्यक्तित्व के साथ-साथ दश के नीति-सिद्धांत, कार्यक्रम की व्यापक रूप से चर्चा की और दल को आगे बढ़ाने पर बल दिया।

बीच बीच में जन गायक धीरज ठाकुर, विजय बौद्ध ने क्रांतिकारी – मानववादी गीतों से समारोह को जीवंत बनाये रखा। समारोह के अंत में शोषित साप्ताहिक के द्वारा आयोजित शहीद जगदेव प्रसाद प्रतियोगिता के सफल अभ्यर्थियों के बीच पुरस्कार भी वितरित किया गया। अंत में अध्यक्षीय भाषण के बाद दल के सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के संकल्प के साथ समारोह समाप्ति की घोषणा की गई।

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