Chandrayan-3 मिशन भारत वासियों के लिए तो गौरव की बात तो है ही, साथ ही साथ बिहार वासियों के लिए भी यह बेहद ख़ास है। इसकी सफलता में बिहार के 5 वैज्ञानिकों का अहम योगदान रहा है। 14 जुलाई को ISRO ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसका सफल प्रक्षेपण किया। चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग पूरी कर ली है।

समस्तीपुर के पूरना के रहने वाले अमिताभ, गया के सुधांशु कुमार, सीतामढ़ी के रविकुमार, बेतिया के लालमणि और सारण के रजत सिंह Chandrayan-3 मिशन का हिस्सा बने।

अमिताभ ने निभाई ऑपरेशन डायरेक्टर की भूमिका

भारत के अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-3 में बिहार के समस्तीपुर के कुबौलीराम गांव के रहने वाले अमिताभ ने भी योगदान दिया। अमिताभ ने Chandrayan-3 की लॉन्चिंग में डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर के साथ ऑपरेशन डायरेक्टर की भूमिका अदा की। अमिताभ चंद्रयान एक और दो का भी हिस्सा रह चुके हैं।

Chandrayan-3 के लॉन्च व्हीकल निर्माण वाली टीम में थे सुधांशु

गया जिले के खरखूरा मोहल्ला के रहने वाले सुधांशु कुमार चंद्रयान 3 के लॉन्च व्हीकल बनाने की टीम में शामिल थे। उनकी इस कामयाबी पर उनके घर वाले काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। खासकर उनके माता-पिता बेहद ज्यादा खुश हैं।

नेटवर्क सिक्योरिटी संभाल रहे थे सीतामढ़ी के रवि कुमार

सीतामढ़ी जिले के पुपरी गांव के रहने वाले रवि कुमार ने चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग में नेटवर्क सिक्योरिटी को हैंडल किया था। इससे पहले वह चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण का भी हिस्सा रह चुके हैं। रवि कुमार के पिता एक रिटायर्ड बैंक कर्मी हैं। रवि कुमार ने साल 2012 में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिवेंदरम से एवियोनिक्स में बीटेक किया और ISRO के साथ जुड़े।

इनके अलावा बेतिया के रहने वाले लालमणि और सारण के सिताबादियारा के रजत सिंह भी Chandrayan-3 मिशन का हिस्सा थे। लालमणि चंद्रयान-3 के डिजाइन और टाइमिंग एनालिसिस टीम का हिस्सा थे। लालमणि ISRO की हनीकॉमम्ब स्ट्रक्चर के हेड के पद पर कार्यरत हैं। वहीं 6 महीने पहले ISRO से जुड़े रजत सिंह चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में पहुंचाने वाले रॉकेट की कंट्रोलिंग टीम का हिस्सा थे।

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