दरभंगा में शराबबंदी: जिलाधिकारी दरभंगा के कार्यालय प्रकोष्ठ में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में शुक्रवार को भूमि विवाद व मद्य निषेध अभियान से संबंधित मामले के निष्पादन की समीक्षा बैठक की गयी। मद्य निषेध अभियान की समीक्षा क्रम में जप्त वाहनों की नीलामी के संबंध में उत्पाद अधीक्षक ओमप्रकाश ने बताया कि 105 वाहन विमुक्त किए गए हैं, संबंधित थाना वाहन मालिक को आदेश देखकर पहचान प्राप्त कर उनके वाहन विमुक्त कर दें।
दरभंगा में शराबबंदी: नाव से भी होगा गस्ती
जिलाधिकारी ने कहा कि जप्त शराब का विनष्टीकरण त्वरित गति से किया जाए, साथ ही वैसी भूमि जहां शराब जप्त की गई है। उनके विमुक्तिकरण की कार्रवाई की जाए। यदि संबंधित व्यक्ति द्वारा भूमि वापस लेने हेतु इच्छा प्रकट नहीं की जाती है तो उस भूमि को राज्यसात करवाने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने दियारा क्षेत्र में नाव से गश्ती करवाने का निर्देश उत्पाद अधीक्षक को दिया,साथ ही सभी थानों को प्रतिदिन ब्रेथ एनालाइजर का प्रयोग करने का निर्देश दिया।
वहीं, बैठक में सभी अंचलाधिकारी एवं थाना प्रभारी से बारी-बारी से उनके यहाँ भूमि विवाद के लंबित मामलों को लेकर की जा रही बैठक व कार्रवाई की जानकारी ली गयी। जिन अंचलों में भूमि विवाद के ज्यादा मामले लंबित मामले हैं उनमें बहादुरपुर, हायाघाट एवं बहेड़ी शामिल हैं। तीनों अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष से लंबित मामले की समीक्षा बारी-बारी से की गई।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि यदि अंचल स्तर पर विवादित मामले के निष्पादन में कठिनाई हो रही है तो वैसे मामले को अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय में सीआरपीसी की धारा-107 एवं 144 के प्रस्ताव के साथ भेजें। यदि निजी जमीन में रास्ते से संबंधित मामला है तो सीआरपीसी की धारा-147 का प्रस्ताव के साथ भेजा जाए।
सबसे ज्यदा भूमी विवाद सदर अनुमंडल में
बताया गया कि सदर अनुमंडल में भूमि विवाद के 44, बेनीपुर अनुमंडल में 05 तथा बिरौल अनुमंडल में 32 मामले लंबित हैं,जिनपर विभिन्न थानों में आयोजित बैठक में सुनवाई चल रही है। बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने कहा कि भूमि विवाद से संबंधित वैसे मामले जो बार-बार थाना स्तर पर आ रहे हैं, लेकिन निष्पादन नहीं हो पा रहा है। वैसे मामलों को अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी स्वयं समीक्षा कर लें। और मामले को निष्पादित कराने का प्रयास करें। ताकि व्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
उन्होंने कहा कि शनिवार को भूमि-विवाद निपटारे हेतु आयोजित बैठक में चौकीदार को भी शामिल किया जाए। चौकीदार से उसके क्षेत्र के मामलों की जमीनी हकीकत की जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही यह भी पता लगा ले कि कोई विवाद भविष्य में बड़ा रूप तो नहीं लेने वाला है। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित मामलों की सूची संबंधित चौकीदार को पूर्व में ही उपलब्ध करा दी जाए, ताकि जमीनी स्तर पर छान-बीन कर विवाद की जमीनी हकीकत का पता लगाया जा सके।
समझौता मसौदा बनाकर दोनों पक्षों से हस्ताक्षर करवाने का निर्देश
जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि विवाद के जिन मामलों में समझौता के आधार पर सुलह हो जाता है, वैसे मामले में समझौता मसौदा बनाकर दोनों पक्षों से हस्ताक्षर करवा लिया जाए ताकि भविष्य के लिए एक अभिलेख रह सके और पुनः उसी बिंदु पर विवाद उत्पन्न न हो सके। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी सदर स्पर्श गुप्ता, अपर समाहर्ता( राजस्व) राजेश झा ‘राजा’, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, लोक अभियोजक मोहम्मद नसीरुद्दीन हैदर, एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे। बैठक में सभी एसडीओ, सीईओ एवं थानाध्यक्ष ऑनलाइन जुड़े हुए थे।