Buffalo Girl Shraddha Dhawan: दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत सफलता के मूल मंत्र है। भैंस चराने वाली श्रद्धा धवन इसे बखूबी साबित किया है। 11 साल की छोटी उम्र में श्रद्धा धवन ने अपने दिव्यांग पिता सत्यवान की मदद शुरू कर दी थी। वह पिता की भैंसों को चराने ले जातीं। दूध निकालतीं। आसपास की डेयरियों तक पहुंचाने का काम भी श्रद्धा के ही जिम्मे था। 14 साल की उम्र तक श्रद्धा (Shraddha Dhawan success story) ने दूध दुहने से लेकर मोल-भाव तक भैंसों के व्यापार में महारत हासिल कर ली थी।
Buffalo Girl Shraddha Dhawan के पास फिजिक्स में एमएससी की डिग्री है
तब शायद उन्हें नहीं पता रहा होगा कि एकदिन वो एक करोड़ का कारोबार खड़ा कर सकती है। वो भी भैंस का दूध बेचकर। जबकि आजकल पढ़े-लिखे युवा पशुपालन जैसे पेशे को अपनाने से कतराते हैं। इनकी कहानी उन युवाओं को प्रेरित करने वाली है जो सोचते हैं कि खेती या पशुपालन से बढ़िया कमाई मुश्किल है। श्रद्धा धवन उन यूथ के लिए आदर्श है, जो परिवार के वर्षों पुराने धंधे की जिम्मेदारी उठाने से बचती हैं।
24 साल की उम्र में श्रद्धा के पास फिजिक्स में एमएससी की डिग्री है। वह महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के निघोज गांव में ‘श्रद्धा फार्म’ की मालकिन हैं। यह फार्म 80 भैंसों का घर है। दो मंजिल में यह बना हुआ है। श्रद्धा ने बड़ी सावधानी से दूध की क्वालिटी में सुधार पर फोकस किया।
30,000 किलोग्राम वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन भी करती है Buffalo Girl Shraddha Dhawan
हालांकि, श्रद्धा (success story of Shraddha Dhawan) यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने वर्मीकम्पोस्टिंग बिजनेस में कदम रखे। सीएस एग्रो ऑर्गेनिक्स ब्रांड के तहत हर महीने 30,000 किलोग्राम वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन किया। इसके अलावा श्रद्धा ने एक बायोगैस प्लांट स्थापित किया जो बिजली पैदा करने के लिए गोबर के घोल का इस्तेमाल करता है। इससे उनका फार्म जीरो-वेस्ट बिजनेस बन जाता है।
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श्रद्धा ने अपने बिजनेस मॉडल को बड़ी समझदारी के साथ बनाया है। वह सबसे कम कीमतों पर चारा खरीदती हैं। कम लागत पर भैंस बेचने वाले व्यापारियों पर उनकी नजर रहती है। इससे वह खर्चों को आसानी से मैनेज कर लेती हैं।
देश-विदेश से लोग Buffalo Girl Shraddha Dhawan पास मार्गदर्शन के लिए आते हैं
अपनी कारोबारी सफलता से अलग श्रद्धा इच्छुक उद्यमियों के साथ अपने ज्ञान और अनुभव को शेयर भी करती हैं। इसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करती हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में उनके डेयरी, वर्मीकम्पोस्ट और प्रशिक्षण व्यवसायों ने मिलाकर 1 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा किया।
कृषि जागरण की रिपोर्ट के अनुसार कई पुरस्कारों के साथ वह एक लोकप्रिय नाम बन गई है। अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों से किसान उनसे मिलने आते हैं और वह एक सफल डेयरी फार्म बिजनेस कैसे तैयार करें, इसके बारे में ऑनलाइन जानकारी भी देती हैं।