Darbhanga News: बिहार में स्थित मेडिकल कॉलेज संस्थान आये दिन नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं. पटना के साथ साथ दरभंगा मेडिकल क्षेत्र का नया हब बनकर उभर रहा है. एक तरफ जहाँ दरभंगा में एम्स के बनने का इन्तजार हो रहा है, दूसरी तरफ दरभंगा में ही स्थित DMCH कामयाबी के नए झंडे गाड़ रहा है. दरअसल दरभंगा मेडिकल कॉलेज को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. अब दरभंगा मेडिकल कॉलेज में अब विद्यार्थी शोध कार्य के साथ साथ विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए नई दवा और वैक्सीन का ट्रायल भी कर सकेंगे. आईसीएमआर ने कॉलेज की एथिकल कमेटी के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दे दी है. इस उपलब्धि से चिकिस्तकों और छात्र-छात्रों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है.
अब दरभंगा में भी होगा नई दवाओं पर रिसर्च
आपको बताते चलें कि अबतक बिहार में आईजीआईएमएस और एम्स में ही नई दवाओं का ट्रायल और रिसर्च होता था. मगर अब दरभंगा के DMCH में भी नई दवाइयों का शोध और ट्रायल होगा. इसी के साथ दरभंगा मेडिकल कॉलेज आईसीएमआर की ओर से यह स्वीकृति प्राप्त करने वाला सूबे का पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है. ये उपलब्धि अब तक पटना मेडिकल कॉलेज को भी नहीं मिली है. वहीँ इस उपलब्धि से हॉस्पिटल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक जश्न का माहौल बन गया है. यहां के सभी डॉक्टर और मेडिकल छात्र छात्राएं इस फैसले से काफी उत्साहित हैं.
अब बढ़ जाएगी शिक्षकों और छात्रों की जिम्मेदारी
DMCH के प्रिंसिपल डॉ. केएन मिश्रा ने बताया कि एथिकल कमेटी को मान्यता प्राप्त हो जाने से कॉलेज में शोध का दायरा काफी बढ़ गया है. आईसीएमआर की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कॉलेज के शिक्षकों और छात्रों की जिम्मेदारी भी काफी बढ़ गई है. अब हम सबों को मन लगाकर और तत्परता के साथ काम करना पड़ेगा.
जानकारी हो कि एथिकल कमेटी में केवल चिकित्सकों को शामिल नहीं किया गया है बल्कि उसमें अधिवक्ता, साइंटिस्ट, शिक्षाविद आदि को भी जगह दी गई है. प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा ने एथिकल कमेटी को मान्यता मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की. उन्होंने कहा कि रिसर्च का दायरा बढ़ाकर हम पर भरोसा किया गया है. आईसीएमआर की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास किया जाएगा.