Government Schemes : हमारे देश में कम आय वर्ग वाले परिवारों के लिए अपने बच्चों का पालन पोषण और उनकी शिक्षा का खर्च उठाना काफी मुश्किल होता है। लेकिन अब गरीब परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा का खर्च सरकार द्वारा उठाया जा सकता है। आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते कई बालिकाओं के सपने अधूरे रह जाते हैं।
ऐसे में सरकार द्वारा कुछ छोटी बचत योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो उनके सपनो को साकार करने में सहायक हो सकती हैं। आइये रक्षाबंधन के मौके पर जानते हैं इन योजनाओं का महत्व।
सुकन्या समृद्धि योजना
भारत सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के तहत माता-पिता भविष्य में अपनी बालिका की शिक्षा का खर्च उठाने के लिए इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस स्कीम का उद्देश्य कम उम्र की लड़कियों के लिए फाइनेंशियल सिक्योरिटी प्रदान करना है। इस योजना के तहत 10 साल से कम उम्र की बालिकाओं का खाता खुलवाया जा सकता है। आप इसमें सालाना 250 से लेकर 1.5 लाख तक का निवेश कर सकते हैं।
बालिका समृद्धि योजना
गरीबी रेखा के नीचे आने वालों यानी BPL कार्ड धारकों को वित्तीय सहयोग प्रदान करने हेतु 1997 में बालिका समृद्धि योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना के तहत आवेदन करने वाली बालिका का जन्म 15 अगस्त 1997 या उसके बाद हुआ होना चाहिए। इसी के साथ बालिका का किसी स्कूल में पढ़ना अनिवार्य है। इसमें बालिका के जन्म पर 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत पहली से 10वीं कक्षा तक की बालिकाओं को 300 और 1,000 रुपये तक वजीफा मिलता है।
सीबीएसई उड़ान योजना
सीबीएससी उड़ान योजना का संचालन शिक्षा मंत्रालय के तहत किया जाता है। इस योजना के तहत बालिकाओं को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। बालिकाओं को टैबलेट के साथ स्टडी मैटेरियल प्रदान किया जाता है, जिससे वह अपने टेक्निकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर सकें।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
साल 2015 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान बालिकाओं के लिए एक अहम योजना है। इस योजना का उद्देश्य है कि देश में चाइल्ड सेक्स रेशियो में गिरावट के हालात में सुधार लाया जा सके। इसी के साथ इस योजना के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इस योजना का मकसद चाइल्ड मैरिज और जेंडर बेस्ड डिस्क्रिमिनेशन को रोकना भी है।
माध्यमिक शिक्षा हेतु प्रोत्साहन की राष्ट्रीय योजना
शिक्षा मंत्रालय द्वारा साल 2008 में इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य SC/ST समुदायों की 14 से 18 साल की बालिकाओं के माध्यमिक शिक्षा में एडमिशन रेट को सुधारना है। योजना के तहत SC/ST समुदायों की 8वीं कक्षा पास करने वाली बालिकाओं के नाम पर 3,000 रुपये की एफडी करवाई जाती है, जिससे प्राप्त इंट्रेस्ट एकेडमिक अकाउंट में जमा होता है।