आज कल लगभग हर व्यक्ति PPF में निवेश करता ही है। भारत में पब्लिक प्रोविडेंट फंड ( Public Provident Fund ) को ही सबसे बढ़िया छोटी बचत सेविंग योजना (Small Saving Scheme) माना गया है। आपको बता दे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) में निवेश करने के लिए देश भर में लंबी लाइन लगी हुई है।
इस पॉपुलर स्मॉल सेविंग स्कीम में इन्वेस्टर्स यानि जो इसमें निवेश कर रहा है वो कम से कम 500 रुपये तक इन्वेस्ट कर सकता हैं। हालाँकि, इसकी अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये तक तय की गई है। अगर आपको इसमें निवेश करना है तो आपको पीपीएफ अकाउंट खोलना होगा। अगर आपका PPF Account किसी कारण से inactive हो चूका है तो आपको काफी नुक्सान हो सकता है।
PPF Account Inactive ?
अगर आपका पीपीएफ अकाउंट किसी कारण बंद या इनएक्टिव कर दिया गया है, तो ऐसे में आपको काफी घाटा हो सकता है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट के इनएक्टिव होने पर आपको जमा राशि पर ब्याज तो मिलता रहेगा लेकिन इसके कई अन्य नुकसान भी है, जो आपको पता होने ही चाहिए।
नुकसान
अगर हम बात करें पीपीएफ अकाउंट के इनएक्टिव होने पर क्या नुकसान होगा तो आपको बता दे की अगर पीपीएफ अकाउंट इनएक्टिव है तो आपको लोन नहीं मिलेगा। इसके अलावा जब आप अपने अकाउंट या खाते को फिर से एक्टिव करवाने जायेगे तो आप पर चार्ज के तौर पर फाइन लगेगा। आपको बता दे बैंक और डाक घर दोनों जगह पीपीएफ खाते को फिर से एक्टिव करने के लिए अलग-अलग पेनलिटी यानी फ़ाईन ली जाती है।
Inactive हो गया है तो कैसे करे Active ?
इनएक्टिव पीपीएफ अकाउंट को फिर से एक्टिव कैसे करे ? इसके लिए आपको अपने डाक घर या बैंक के ब्रांच में में जाना होगा । इसके बाद यहां पर आपको एक आवदेन पत्र ( application form ) देना होगा। इसके साथ ही आपको अपने पीपीएफ खाते के हिसाब से उतने साल का फ़ाईन देना होगा, जितने साल तक आपका अकाउंट बंद रहा। यहाँ आपको एक साल का 500 रूपए जुर्माना भरना पड़ता है। तो अगर आपका अकाउंट 2 साल तक बंद रहा तो आपको 1000 रूपए जुर्माना देना होगा।