Darbhanga Parliamentary Constituency: बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा, उत्तर बिहार यानी मिथिला क्षेत्र के दरभंगा प्रमंडल का एक जिला है। दरभंगा को मिथिला की राजधानी (capital of Mithila) भी कहा जाता है ‘मिथिला का दिल’ कहे जाने वाला दरभंगा अपने समृद्ध अतीत और ऐतिहासिक दरभंगा राज के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला अपनी सांस्कृतिक परंपराओं और यूनिक खान-पान के लिए भी मशहूर है। इसके साथ ही दरभंगा शहर बिहार की सांस्कृतिक राजधानी (Darbhanga is the cultural capital of Bihar) के रूप में लोकप्रिय है। चुनावी राजनीति में दरभंगा का इतिहास बहुत पुराना है।
Darbhanga Parliamentary Constituency: पहली बार कब हुआ था चुनाव ?
यहां ब्रिटिश भारत में पहली बार 1893 में चुनाव हुआ था , इस चुनाव में दरभंगा राज परिवार के लक्ष्मेश्वर सिंह निर्वाचित हुए थे। इसके बाद कई चुनावों में दरभंगा राज परिवार के सदस्य जीतते रहे थे। कालांतर में दरभंगा की जनता ने अपने क्षेत्र से कई दिग्गज नेताओं को लोकसभा और विधानसभा भेजा । ये अलग-अलग सरकारों में मंत्री भी रहें। कभी , कांग्रेस की राजनीति का गढ़ रहा दरभंगा लोकसभा, समाजवादी राजनीति को खाद-पानी देने के बाद अब दक्षिणपंथी राजनीति की कर्मभूमि बन चुकी है।
Darbhanga Parliamentary Constituency पर कांग्रेस का दबदबा कबतक था ?
दरभंगा लोकसभा सीट पर पुराने समय में कांग्रेस का दबदबा रहा था। 1971 तक दरभंगा लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा बिहार के कद्दावर नेता रहे और भूतपूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्रा ने भी इस क्षेत्र का प्रनिधित्व किया। 1980 में कांग्रेस यहां आखिरी बार जीती थी तब पंडित हरिनाथ मिश्र लोकसभा चुनाव जीते थे । उसके बाद यहां से समाजवादी और संघ की पृष्ठभूमि के उम्मीदवार चुनाव जीतते रहे हैं। जनता दल और राष्ट्रीय जनता दल (RJD)की टिकट पर अली अशरफ फातमी 1991,1996,1998 और 2004 में 4 बार दरभंगा से लोकसभा का चुनाव जीते, जबकि कीर्ति झा आजाद BJP के टिकट पर 1999, 2009 और 2014 में दरभंगा के सांसद चुने गए, वर्तमान में इस सीट से बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर सांसद हैं ।
तो चलिए अब जानते हैं दरभंगा संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसदों (MPs representing Darbhangaconstituency) को
- 1952: श्री नारायण दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( दरभंगा सेंट्रल सीट)
- 1952: अनिरुद्ध सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दरभंगा पूर्व सीट)
- 1952: श्याम नंदन मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दरभंगा उत्तर सीट के रूप में)
- 1952: ललित नारायण मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( दरभंगा भागलपुर सीट)
- 1957: श्री नारायण दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दरभंगा सीट)
- 1957: रामेश्वर साहू, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (दरभंगा SC सीट)
- 1962: श्री नारायण दास, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1967: सत्य नारायण सिन्हा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1971: बिनोदानंद झा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1972: ललित नारायण मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (पोल द्वारा)
- 1977: सुरेंद्र झा ‘सुमन’, भारतीय लोक दल
- 1980: हरि नाथ मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंदिरा)
- 1984: विजय कुमार मिश्रा, लोक दल
- 1989: शकीलुर रहमान, जनता दल
- 1991: मोहम्मद अली अशरफ फातमी, जनता दल
- 1996: मोहम्मद अली अशरफ फातमी, जनता दल
- 1998: मोहम्मद अली अशरफ फातमी, राष्ट्रीय जनता दल
- 1999: कीर्ति आज़ाद, भारतीय जनता पार्टी
- 2004: मोहम्मद अली अशरफ फातमी, राष्ट्रीय जनता दल
- 2009: कीर्ति आज़ाद, भारतीय जनता पार्टी
- 2014: कीर्ति आज़ाद, भारतीय जनता पार्टी
- 2019: गोपाल जी ठाकुर, भारतीय जनता पार्टी
तो यह था दरभंगा की राजनीति में आजादी के समय से लेकर अब तक का बदलाव। अब आगे 2024 में यह सीट किसके खाते में जाती है, देखनाहोगा।
अक्सर पूछे जाने वाला सवाल (FAQ)
प्रश्न: दरभंगा संसदीय क्षेत्र से बीजेपी को कितनी बार जीत मिली है ?
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प्रश्न: दरभंगा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस को कितनी बार जीत मिली है ?
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दरभंगा संसदीय क्षेत्र से RJD को कितनी बार जीत मिली है ?
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