हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है जिसके मुताबिक Reserve Bank of India ने 13 सितंबर को कर्जदारों के हित में एक बड़ा फैसला लिया है। RBI ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश जारी किये हैं, जिनके मुताबिक बैंक और वित्तीय संस्थानों को पूरा लोन चुकता होने के 30 दिनों के अंदर सभी मूल चल या अचल संपत्ति दस्तावेजों कर्जदार को लौटाने होंगे। इसी के साथ किसी भी रजिस्ट्री में पंजीकृत शुल्क भी हटाना होगा।
Reserve Bank of India द्वारा एक अधिसूचना में कहा गया है कि इन निर्देशों की पालना न करने वाले संस्थानों को प्रतिदिन 5000 रुपये का हर्जाना उधारकर्ता को चुकाना होगा। RBI ने आगे यह भी कहा कि विनियमित संस्थाओं द्वारा संपत्ति दस्तावेजों को लौटाने में कई तरह की प्रथाओं का पालन किया जाता है, जिसके चलते ग्राहकों की शिकायतें और विवाद बढ़ते हैं।
Reserve Bank of India के अनुसार बैंक की होगी ज़िम्मेदारी
Reserve Bank of India द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यदि किसी ग्राहक के मूल दस्तावेजों का कोई नुकसान होता है या फिर खो जाते हैं, तो ऐसे में संबंधित वित्तीय संस्थान इसके लिए ज़िम्मेदार होगा। इसी के साथ बैंक द्वारा कर्जदार को ऐसे दस्तावेजों की नकल या सर्टिफाइड कॉपी प्राप्त करने में सहायता की जाएगी। इसके अलावा वित्तीय संस्थान को हर्जाना भी देना होगा।
जानकारी के लिए बता दें वित्तीय संस्थानों को कर्जदारों द्वारा पूरा कर्जा चुका देने के बाद की फॉर्मेलिटी के लिए 30 दिन का अतिरिक्त समय मिलेगा। ऐसे में बैंक के पास कुल 60 दिन होंगे, यदि इसके बाद भी कर्जदार को उसके दस्तावेज नहीं मिलते हैं तो बैंक हर दिन के हिसाब से 5000 रुपये का हर्जाना भरेगा।